Thursday, June 19, 2014

चलते-फिरते पागल

बदलोगे अब तुम क्या, 
आगरा जाकर हीं क्यूँ ??
क्योंकी वहाँ सबसे ज्यादा ...
चलते-फिरते पागल मिलते है |

इस ताजमहल में सबसे पहले 
किसने प्यार देखा था ??
आजकल के प्यार तो ....
मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारे में
चेकिंग पॉइंट की तरह मिलते है |

सच कहूँ आजकल का प्यार तो
कोरे कागज़ सा दुधिया है |
और यहाँ प्यार करने वालें भी
एक - दूसरें से वालेंटियर की तरह मिलते है |

लेकिन आज भी प्रेम का रूप नहीं बदला है,
जो झाको तो गुलाब का हर रंग दिखता है |

फिर भी इन गुलाबो को, सच्चे हाथों की पहचान है |
जो हाथ संयम और समझ बुझकर पहल करते है |
उसका हीं फुल जड़-जमीन में बंधकर पोधो सा रूप धरता है |

बाकियों के फुल अनजाने मुर्जिम बन जाते है,
मुरझाये दम तोड़ते अक्सर नज़र आते है |

8 comments:

  1. बहुत बढ़िया

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  2. bahut sundar prastuti !!
                        आपका क्या कहना है साथियो !! अपने विचारों से तो हमें भी अवगत करवाओ !! ज़रा खुलकर बताने का कष्ट करें !! नए बने मित्रों का हार्दिक स्वागत-अभिनन्दन स्वीकार करें !
    जिन मित्रों का आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं और बधाइयाँ !!
    "इन्टरनेट सोशियल मीडिया ब्लॉग प्रेस "
    " फिफ्थ पिल्लर - कारप्शन किल्लर "
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    आप सब जो मेरे और मेरे मित्रों द्वारा , सम - सामयिक विषयों पर लिखे लेख , टिप्प्णियों ,कार्टूनो और आकर्षक , ज्ञानवर्धक व लुभावने समाचार पढ़ते हो , उन पर अपने अनमोल कॉमेंट्स और लाईक देते हो या मेरी पोस्ट को अपने मित्रों संग बांटने हेतु उसे शेयर करते हो , उसका मैं आप सबका बहुत आभारी हूँ !
    आशा है आपका प्यार मुझे इसी तरह से मिलता रहेगा !!आपका क्या कहना है मित्रो ??अपने विचार अवश्य हमारे ब्लॉग पर लिखियेगा !!
    सधन्यवाद !!
    आपका प्रिय मित्र ,
    पीताम्बर दत्त शर्मा,
    हेल्प-लाईन-बिग-बाज़ार,
    R.C.P. रोड, सूरतगढ़ !
    जिला-श्री गंगानगर।
    " आकर्षक - समाचार ,लुभावने समाचार " आप भी पढ़िए और मित्रों को भी पढ़ाइये .....!!!
    BY :- " 5TH PILLAR CORRUPTION KILLER " THE BLOG . READ,SHARE AND GIVE YOUR VELUABEL COMMENTS DAILY . !!
    Posted by PD SHARMA, 09414657511 (EX. . VICE PRESIDENT OF B. J. P. CHUNAV VISHLESHAN and SANKHYKI PRKOSHTH (RAJASTHAN )SOCIAL WORKER,Distt. Organiser of PUNJABI WELFARE SOCIETY,Suratgarh (RAJ.) 
    Posted by PITAMBER DUTT SHARMA  

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  3. सुंदर प्रस्तुति

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  4. पागल होने केलिये आगरा होना जरूरी नहीं :)
    बहुत जगहें हैं और भी ।

    बहुत सुंदर ।

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  5. प्रेम का रूप सच में नहीं बदला है......हर शख्स सच की तलाश में है....कितने पागल अभी तक प्रवास में हैं....

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