Saturday, June 30, 2012

प्यार का नाम लेना , अब अच्छा नहीं लगता ...


बहुत अच्छा.. होता ,
जो रात का इंतजार ना होता  ..
तो, जो जलन - धुप ने दी है ..
उसे ही जीवन  बना लेते   |


यूँ  तो ये तपिश ,
अपनी है, जो किसी 
पराये ने दे दी है ....
सिर्फ शब्दों का खेल है , ये ..
क्योंकि प्यार का नाम लेना , 
अब अच्छा नहीं लगता |


ना कोई मोल है, इन बातों का ...
जो किसी बढ चले क़दमों को ..
बंद ना पाये , 
फीके पकवान से ये शब्द ....
पर हमने तो ढूंड के पाए है |


आज जो किसी को रश ना आये, तो क्या ??
कभी तो ये, प्रतिदिन उनकी भोजन का अंग होता था |

Friday, June 29, 2012

छोटी सी दुनिया ही नसीब है ..

हम अपनी जगह है ,
गिरे सावन की थमी,
बूँदों की तरह ,
जो जहाँ गिरे .....
तो खुद को ही छुपा लिया  ...|

रूट के हमसे तो खुश है , ख़ुशी ..
जो अब दिलजले कहलाये , 
तो दिल कुछ शुकून पाता है |

ओ साथी ,, तेरे बिना ....
मेरे मन को अब तो ,
छोटी सी दुनिया ही नसीब है ..|

जहाँ सिर्फ  रोशनी नहीं मिलती ,
और साँस लेने की हवा ..
दुसरो से लेनी पड़ती है |



हाय रे बेचारे दिल ....

वो ना लोटे पलटकर ,  पर हमें ...
भूलने की शुरुआत कर दी |
तो हमनें भी चाहा भुला दे ...उनको ,
भला  बुझती हुई लों के साथ, 
कौन जलता है  ???

कह दिया-- की वो बेवफा है ...
उन्होंने प्यार में रुसवाई कि है |

पर जब वो हमारे पास से गुजरे ...
दिल ने कहा -- जरा देख लूँ ,
 " बस एक नज़र "
आखिर जो भी हो ....
सामने से मेरा प्यार आ रहा है |

तब मेरे मन ने कहा - हाय रे बेचारे दिल ,
तू क्या सोचता है , जिसने तेरे प्यार को भूल मानकर ..
उसकी जिन्दा चिता जलाई है .. और एक तू है ... 
जो उस  राख  में प्यार की उम्मीद खोजता है |

Thursday, June 28, 2012

ज़माने की चकाचोंध में ...


मैं आज जो, तुम से दूर हूँ , 
उढ गये है , रंग सारे ..
पर खिलने को मजबूर हूँ  |


तेरी यादों में हाले दिल सुनाते ....
अब तो एक अरसा हो गया है  |
मुझे तो लगता है ,  
की ज़माने की चकाचोंध में ...
अब सब कुछ, खो गया है ??


लेकिन फिर भी .....
कोई ज़ख़्म उसे ना मिले ,
बस ये दुआ करते है ...
लुट गये , टूट गये है , तो क्या ??
आज भी उनके किये गुनाहों को ...
खुद पर .... ले लिया करते है |


Wednesday, June 27, 2012

होश में क्यों आये ??


बात थम  जाए ...
जब वो पल ,
मिले नसीब  में ..
होश में क्यों आये ??
जब वो रहे करीब में  |


खामोशियाँ धड़कन की ,
कहीं वो ना सुन ना ले ...
अब ये डर लगता है , 
क्योकिं धडकनों के इस साज में ,
अब बस उनका ही नाम बजता है |


आ ज़रा करीब  से ....
खुद को मुझमें समाजा 
जाने क्या होगा कल ,
कम - से - कम 
एक  दूजे के नहीं ... तो ...
एक दूजे के थे , तो कहलायेगे |


दिल का ऐतबार कीजिये ..???


ये जिन्दगी इम्तेहान है ...
और जो ये मोहब्बत है , 
जिन्दगी की है, एक जरूरत |


आदमी जो कहे , 
दिल का ऐतबार कीजिये 
रूठे हुए मुकदर को ...
मंजिलो को पाने की ,
एक नयी शुरुआत दीजिये |


लेकिन जो मैंने दिल से पूछा ....
क्या है , प्यार ?? 
उसने कहा एक रोग है , 
जिसकी हर आदमीं बनता है , शिकार ..|


जो कहते है , प्यार है ... 
वो खफा होना भी चाहेगे |
आज जो पल भर भी दूर नहीं है , 
वो किसी दिन तुमसे दूरियाँ बढायेगे ...
और ये दिल..ल...ल... तो है दिल ...
किसी बात पर ... टूट ही जायेगा |


आज मैं मायुस सी ....


आज मैं मायुस सी ,
बड़ रही हूँ , किस डगर ...
थोड़ा चल भी ना पाऊं , 
पर मंजिलों पर है, नज़र |

जो कहूँदुखों का बादल 
फट रहा है , आज तो ...
दफ़न होते ख्वाबों में भी  ,
ढूंडती हूँ , उम्मीद की डगर |

ये तड़प अब नहीं है,
किसी के वास्ते ..  |
जो बहाकर गया था , प्यार में ..
उससे अब अलग है, मेरे  रास्ते  |


Tuesday, June 26, 2012

बीते हुए लम्हों की कसक...


जो दिया था तुमने एक दिन ..
हम ना समझे थे ... उन वादों को
लेकिन अब तो चलना होगा,
जुबा पर दर्द ही सजाकर  ... |


बीते हुए लम्हों की कसक...
दिल के टुकड़े कर जाती है,
छुड़ाकर तुमसे ये प्यार का दामन,
भला हम, ख़ुशी लेकर भी करे क्या ??


हाँ ... हैं ये मजबूरी, की कैसे हसें अब ...?
एक अधूरी सी मुलाकात हुई थी जहाँ,
मिलन की घड़ी तो थी पल भर की ...
और बिछड़ने का ग़म हर रात जगाता है |



Monday, June 25, 2012

गुलाबो का रंग अभी- भी लाल होता है ...

ये लिखे अल्फाज है , कागजी ...
लेकिन शब्द दिल से निचोड़े गये है .. |

जहाँ कभी अबो हवा भी उनकी मेहक
से भरकर हर नये दिन के साथ ...
नयी उम्मीद दे जाती थी , 
लेकिन अब उस दिल का ...
कोई कदरदान नहीं है ... |

यूँ तो फुल अभी- भी खिलते है ,
गुलाबो का रंग अभी- भी लाल होता है ...
पर उन लाल रंगों में प्यार की खुशबू नहीं है |

जो बचा है , लाल रंग वो तो खून सा लगता है ..
जो टूटकर - अपनी बेचारगी में भी लोगो को हसीं दिखता है |


हिम्मत जो करो, मजबूर होकर ...


जो चलो लड़-खडाके ,
हिम्मत जो करो, मजबूर होकर ... 
तो मंजिल की चाहत में ना चलना  ,
जिन्दगी में .... 
उसे तो -- तुम्हें है.... दैड़ के पाना |


जो अब तनहाइयों का साथ है ....
और आराम की जिन्दगी एक ख्वाब ..
तो मुश्किलों को घर की छत मानकर ,
बेहद समालकर, उम्मीद लिए बुने जा  |


आज जो वक़्त तेरा नहीं , 
तो ग़मों में इंतजार कर ,
ये काला अँधेरा तुझे, 
जिन्दगी जीना सिख लाएगा ..|
और जब तेरा भी वक़्त आएगा, 
तब तू भी बन मजबूत ....
सफलता की सीड़ियाँ चढ़ता जायेगा |

Sunday, June 24, 2012

जिन्दगी जीने की हड़बड़ी में

ये जमीं जीने के लिए बनी ,
और जिन्दगी का साथ कब तक ??

आज जो आवाजें खामोशियों को छोड़ ,
गुन-गुनाना चाहती है , इस जग में ...
कल कहीं खो सी जाएगी, शांति के नभ में |

अपने जिन्दा होने पर यकीन करने ...
हम खुशियों को परवाह करते है |
बुल - बुलों में भरी हवा की तरह ...
खुशियों को भी भरा करते है  |

जिन्दगी जीने की हड़बड़ी में ,
किसे अपना माने ... हम ??
अब तो .. अनजान रिश्तों को भी , 
जरूरतों की तरह चुना करते है |



Saturday, June 23, 2012

मन की भी बोली लग गयी ....

शूल पर लगी आग , 
उसूलों ने छोड़ा साथ ...
मन की मत मारी गयी |

भटके मन ने ढूंढे ..
बचने के सौ रस्ते .. |
तोल - मोल के ...
नफे नुकसान में ,
मन की भी बोली लग गयी .... |

व्यापारियों के बीच फसा मन ,
अपना मोल मांग ना पाया ....

मन के चोरों से ठगा ,ये रोते ...
मन की मंडी में ,
अपनी भी बोली लगवाया |


जिन्दगी एक पहेली ....

जिन्दगी एक पहेली ....
कल क्या होगा, एक सवाल ...??

कर्म की शिक्षा देता, हर इन्सान  ..
कहता , फल की चिंता क्यों करे ??
जब देखा रहा है , सब कुछ भगवान |

कभी हँसता , कभी रोते ....
कुछ पहेलियाँ हल करता .... |

और कुछ देर खुश होकर ,
अपने कुछ ग़मों को भूल ..
नयी उम्मीद , नयी ऊर्जा लिए ..
फिर एक नयी पहेली का ....
हिस्सा बन जाता है , हर इन्सान |


Thursday, June 21, 2012

प्यार का मीठा, एहसास ...

ताजा गिरे पतों ने होले से ..
तेरे आने की दस्तक दी है ,
बेहकते हुए अरमानो ने ..
चुपके से प्यार की मदिरा ,
भी मुझ पर छलका दी है |

ये हसीं वादियाँ ...
सिर्फ तेरे लोट आने से हसीं
हुई है ...
जो तुम नहीं थे ,
तो कुछ भी हसीं नहीं था | 

जाने कोई अजनबी क्यों ...??
खास हो जाता है ..
देखो ना, पास-ना होते हुए भी ,
प्यार का मीठा, एहसास दे जाता है |  

Wednesday, June 20, 2012

रिम झिम गिर " ऐ सावन "


रिम झिम गिर " ऐ सावन "
बिरहा की रात बीत आई रे ...

धुप की चुभन अब फूलों सी 
हँसी लगती है ,
पुकारते हुए ..लबो पर ,
कुछ नयी घबराहट सी 
दिखती है |

दिल नशे में झूम ...
पंछी बन उड़ता लगता है ,
प्यार की हवा ....
छु गयी है उसको ...
बेकरारी में उसे तो ...
अब जीना फिजूल लगता है |

आज अनजान सा चल रहा हूँ

ऐसा नहीं की ...
नाराज है , जिन्दगी 
ज़माने ने तुझे ..
कुछ देर ही ...
तनहा छोड़ा है |

आज जो दिन तुम्हारा नहीं ,
तो आने वाले कल की ....
उम्मीद कर जीये जा ... |

बस ये चाहत कर खुद से ..
की कल आने वाली ...
हँसी और ख़ुशी बचाकर ,
आज अनजान सा चल रहा हूँ |



Tuesday, June 19, 2012

इंतजार है मुझे .....

तुम मिले तो इंतजार है मुझे ,
मेरी मन्नतों का ...
की भी अब वो भी पूरी होगी |

नजरों से नजर मिला ले ...जो रब
तो कह दूँ ...उसे ...
की किसी ने तो ख्याल रखा है |

मेरे " ख्वाबों " को पूरा होते देखूं 
अब यहीं हसरत है ....
ना नींद है , आँखों में ..
उन्हें तो हर राहों में लगा रखा है |

जाने वो कब आ जाये ...
और मेरी नज़र ...
उनकी पहली छलक ..
को सबकी नजरों से बचा पाये |




Monday, June 18, 2012

अँधेरे में खोने का इंतजार ....

जो होना था , हो गया 
जाने अनजाने में भूल की हमने ,
लेकिन अब भी रह-रहकर 
वो बाते याद आती है |

जो अब मुझसे रूठ गया ..
उसे अपनी ख़ुशी में जीने दो ,
हम तो एक ठोकर थे ...
जो कभी उन्हें चोट दिया करते थे  |

बेहते ग़मों को ना रोक ...
उसे बहाने दो ...
मेरा दिल टूट गया ..
ये जोड़े ना जुड़ेगा ... अब |

मैं तो उस डूबते सूरज 
की तरह हूँ ....
जिसकी बची रोशनी भी ,
अँधेरे में खोने का 
इंतजार करती है |



Sunday, June 17, 2012

हुनर हमसे सीखोगे ....

जुबा पे बात क्यों रह जाती है ,
जो कहना चाहते हो कह दे ...
या तो हां होगी या ना ,
अंजाम से क्यों डरते हो ??

छुपाने का अब क्या ??
हुनर हमसे सीखोगे ....
एक हम है , 
जो सब कहकर ..
भी तनहा रह जाते है |

ना समझना कुछ मांगकर 
नज़र नहीं मिला पाओंगे ...
जो बोलोगे कुछ दिल से ..
तभी तो दिल में बस पाओंगे |




दर्द भरी चीख .....

जब बजे ढोल दिल को कुरेद कर ,
ना सोचियेगा कभी ...
कोई धुन बन या बज पायेगी |

जो दूर से सुने उसे लगेगा .....
कोई हिरनी ख़ुशी से 
मदमस्त झूमते जा रही है ,

पास आओगे , तो जानोगे 
की तो ये जख्म है ...
जिस पर मरहम लगाते ही 
उसकी दर्द भरी चीख 
........निकल आ रही है |


जो अपनी हर ख़ुशी में .....

हम ऊपर वाले के सुकर गुजर है ,
की इस बेरहम दुनिया में ....
अब भी लोगो के दिल में ...
दूसरों के लिए मोजूद प्यार है |

यूँ तो अब बारिश नहीं होती है ,
किसी करीबी के प्यार की ,
पर दो-बुँदे जो मिलती है , 
उसे ही रब का शब समझकर ..
ख़ुशी से दिल में सजाते है ....|

हमें तो अब डर सा लगता है ,
की हमें अब खुद से प्यार ना हो जाये ??
क्या लोगो की उम्मीदों , दुआओं , दोस्ती को 
कोई नाम देना क्या जरुरी .... ??? |

प्यार की कमी उसे होती है ,
जो किसी एक से उम्मीद किया करते है ...
हम तो खुश है की दुनिया में कई लोगो है ...
जो अपनी हर ख़ुशी में  .....
बिना बोले हमें भी शामिल करते है |



Saturday, June 16, 2012

ना सोचियेगा की हम है बच्ची ...

कम नहीं किसी से हम ...
बस देखने की नजर होनी चाहिए.
मानती हूँ मेरी उम्र है अभी कच्ची ...
पर ना सोचियेगा की हम है बच्ची |

मेरी किस्मत में अब नहीं है , प्यार ..
तो क्या ?? हमनें भी किसी को ,
कभी सच्चे दिल से चाहा था ....|

क्या करे जो मेरे प्यार की
उम्र नहीं थी लम्बी ....
पर अब भी हम खुश है , उनके ....
बेवफाई के इल्जामों से |

कसूर दिल का ही है ,
जो उन्हें अब तक भूल ना पाया है ..
लेकिन ख़ुशी इस बात की है ,
की वो भूल गये हमकों मतलबी कहके |


Friday, June 15, 2012

जीना भी, क्या जीना है ?

ना सोचो हम खुश है ,
बस ग़मों पर ....
हँसने का हुनर ...
अब जाकर सिखा है |

अरमानों को दफ़न कर ..
जीना भी, क्या जीना है ?
जब भी हँसते है ,
तो अनसुनी चीख ...
भी निकल आती है |

ना सोचों कुछ दे पायेगे ,
अब दुनिया को ....
हमारे पास जो था ...
उसे तो एक ना के साथ
ही हार बैठे है |




अब क्या पायेगे ..... ??

जो करो प्यार तो गिना ना करो यार , 
क्योंकि गिनकर ... 
कभी- भी इंतजार
किसी का .... किया नहीं जाता |


तुम दूर चले जाओगे 
तो सोचेंगे की कभी पास थे ... 
आज हमें खुश रहने दो .. 
बस पल- दो - पल के लिए |


हमने क्या खोया ??
जब जिन्दगी का साथ है ,अभी
....अब क्या पायेगे ..... 
जब जुदा होगे तुम से |

Saturday, June 9, 2012

फिर मुलाकात होगी ...


आप यूँ फसलों से
गुजरा भी करो ,
हम आप से कुछ दूर है ,
ये एहसास तो होता है |

और हम इस उम्मीद में
साँस लिए जाते है ,
की किसी राह में ,
किसी मोड़ पर ...
फिर मुलाकात होगी |

ऐ हवा तू ये जान ले
जो लोग मोहब्बत ...
किया करते है ...
वो दिल और निगाहों
से सिर्फ चाहते हो उनको ,

और गमों में भी उनकी ...
हर खुशियों की दुआ करते है |


जो दुनिया में हम आज जिन्दा हैं ??


आज आसमा से जमीन
दूर हो गयी है ,
हम तो बेसहारे है ,
इस बेवफा जहाँ में |

जो हमने बुलबुलों में
नीला आसमान छुपा रखा है |
तो सुनले वो मेरी भी कहानी |

की तक़दीर में प्यार की तलाश,
ओ मेहबूब तेरे दिल के पास ही थी ..|

जो दुनिया में हम आज जिन्दा हैं ??
तो वो है, इस अधूरे प्यार की अधूरी आश में |


Wednesday, June 6, 2012

वक़्त की कैद में जिन्दगी खो गयी


हुसन और इश्क की दीवारे ,
किसी ज़िद को रोक ना पाएगी |
जिसे जाना है , वो जाये ....
हम तो खुश है , उसकी हंसी से |

रूठने का एब, अब फिजूल लगता है ,
अब तो बस उन्हीं यादों का सहारा है
वरना हम कब के मिट चुके है ,
किसी के इंतजार में |

वक़्त की कैद में जिन्दगी खो गयी ,
हम अब तो जिन्दा है ,
आखिर मोंत का इंतजार करके |

बस जिन्दा रह गये है .....


यह जीवन की राहें ..
जो हमें भूल जाएँ ,
तो अच्छा होता ...
ऐसे जहाँ से
दिल लगायें भी क्यों ??

हालत पे अपनी ...
तो शबनम भी रोये
पर कोई कहता है ,
हम भूल गये उनको

बरबादियों की अजब
कहानी सी बन गये है ,
वादे भूलते , कसम तोड़ते
बस जिन्दा रह गये है |