Sunday, December 18, 2011

मेरी बेकरारी .....


हर हवा के झोको को.... 
तेरी यादो से जोड़ने में ,
हमें बड़ा मजा आता है  |
कभी -कभी ये लगता है ....
की तुम मुझे हवाओ के जरिये 
मुझे छुकर जाते हो |

हाँ ये सच है , 
की मैं तुम्हे रात-दिन ,
बस तुम्हे चाहती हूँ |
बस  बताती नहीं हूँ ,,,
ये मेरी खता है |

मेरी बेकरारी के मजे ,
तुम खूब उठाते हो |
सच तो ये है , की यूँ 
बेक़रार रहने मैं हमे भी 
मजा आता है |

17 comments:

  1. वाह
    क्‍या बात है.....

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  2. क्या बात है बहुत खूब!


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    जो मेरा मन कहे पर आपका स्वागत है

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  3. बहुत सुन्दर , खुमार में डूबी रचना .

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  4. प्यार को समर्पित कविता ...सुंदर

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  5. Wah! kya baat hai....
    ye Bekarari adbhut hai....

    www.poeticprakash.com

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  6. हाँ ये सच है ,
    की मैं तुम्हे रात-दिन ,
    बस तुम्हे चाहती हूँ |
    बस बताती नहीं हूँ ,,,
    ये मेरी खता है |

    मन के सीधे सच्चे भाव....

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  7. बहुत सुंदर, बेहद खूबसूरत !
    शुभकामनाएं !

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  8. मेरे मचान पर आपका स्वागत है

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  9. आपका बहुत आभार

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  10. वाह ... बहुत खूब ...इस बेहतरीन प्रस्‍तुति के लिये बधाई ।

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  11. sundar rachna...
    welcome to my blog :)

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